मोटे अनाज कई छोटी अवधि के गर्म मौसम (खरीफ) फसलों जैसे ज्वार (सोरगम), बाजरा (पर्ल मिलेट), मक्का, रागी (फिंगर मिलेट) आदि का एक व्यापक उप-समूह है। इनका उपयोग खाद्य, चारा, ईंधन; मूल्यवर्धित उत्पादों और फास्ट फूड उत्पादों में किया जाता है।
हमारे देश में, मोटे अनाज मुख्य रूप से गरीब कृषि जलवायु क्षेत्रों, विशेष रूप से देश के वर्षा क्षेत्रों में उगाए जाते हैं। इन फसलों को उच्च तापमान वाले क्षेत्रों में उगाया जाता है और उन्हें शुष्क भूमि फसल कहा जाता है क्योंकि इन्हें 50-100 से.मी वर्षा वाले क्षेत्रों में उगाया जा सकता है। ये फसलें मिट्टी की कमियों के प्रति कम संवेदनशील होती हैं और इन्हें कम जलोढ़ या लोमी मिट्टी में उगाया जा सकता है।
इस उपशीर्ष के अंतर्गत व्यक्तिगत उत्पाद निम्नलिखित हैंः
राई – बीज
जौं –
बीज
जई –
बीज
मक्का
– बीज
अन्य मक्का
अनाज सौरगम
ज्वार कूटू बाजरा
रागी
कैनरी बीज
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भारतीय तथ्य एवं आंकड़े :
अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में अनाज उत्पादों में भारत के योगदान में वृद्धि हुई है। वर्ष 2022-23 के दौरान देश ने 3,801.18 मीट्रिक टन के निहित अन्य अनाजों (चावल, गेंहू, मक्का और श्री अन्न (मिलेट्स)) का निर्यात किया जिसका मूल्य 27.40 करोड़ रुपए / 3.39 अमरीकी मिलियन अमरीकी डॉलर रहा।
प्रमुख निर्यात गंतव्य (2022-23) :वियतनाम, सउदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, रूस, मलेशिया और कतर।
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