आम का गूदा
आम का गूदा ताजा आम की चयनित किस्मों से तैयार किया जाता है। पूरे परिपक्व आमों को तोड़ा जाता है और बिना विलम्ब किए उन्हें फल प्रसंस्करण प्लांट में भेजा जाता है और इनका निरीक्षण करके इन्हें धोया जाता है। चयनित उच्च गुणवत्ता वाले फलों को नियंत्रित पकाने वाले चैम्बर्स में भेजा जाता है। पूर्ण रूप से पके आमों को धोना, छीलना, गूदा उतारना, गुठली अलग करना, एक स्थान पर इक्ट्ठा करना, मिलाना, आवश्यकतानुसार गाढ़ा करना, तापीय प्रसंस्कृत करना तथा जीवाणुनाशन स्थिति को बनाए रखते हुए अपूतित तौर पर भरने की क़्रियाएं की जाती है। इसको तैयार करने की प्रक़्रिया में कटार्इ, गुठली निकालना, स्वच्छता और पैक करना शामिल है। सड़न रोकनेवाला उत्पाद के मामले में, आपूर्ति बैग में इनको भरा जाता है। परिशोधित गूदे को केन में भी पैक किया जाता है और इसे वायुरुद्ध रूप से सील किया जाता है। फ़्रोजन गूदे का आंशिक तौर पर निर्जीवीकरण किया जाता है और प्लेट फ़्रीजर में डीप-फ़्रोजन किया जाता है। इस प्रक़्रिया में सुनिश्चित किया जाता है कि तैयार उत्पाद में फल का प्राकृतिक स्वाद और सुगंध बनी रहे। गूदा/कंसेंट्रेट जूस, अमृत, पेय, जैम, फल चीज़ और विभिन्न प्रकार के पेय पदार्थों में रूपांतरण के लिए बिल्कुल उपयुक्त है। इसका उपयोग पुडिंग, बेकरी फिलिंग, बच्चों के लिए फलों के भोजन और खाद्य उद्योग के लिए स्वाद, और सबसे स्वादिष्ट आइसक्रीम, दही और कन्फेक्शनरी बनाने के लिए भी किया जा सकता है।

किस्में:
अल्फांसो आम गूदा, तोतापुरी आम गूदा, नीलम आम गूदा और केसर आम गूदा।


 पैदावार और प्रसंस्करण के क्षेत्र:
देश में आम गूदे के दो मुख्य क्षे़त्र हैं जिसमें करीब 65 प्रसंस्करण यूनिट हैं जिनमें आम की अलफान्सों और तोतापुरी किस्मों की आपूर्ति होती है। ये क्षेत्र आंध्र प्रदेश के चित्तूर और तमिलनाडु राज्य में कृष्णागिरी हैं। महाराष्ट्र और गुरजात राज्यों में कुछ प्रसंस्करण इकाईयां हैं।


भारत तथ्य और आंकड़े:
भारत विश्व में आम के गूदे का प्रमुख निर्यातक है। भारत ने वर्ष 2022-23 के दौरान 1189.66 करोड़ रूपए / 147.60 मिलियन अमरीकी डॉलर की कीमत का 109501.38 मीट्रिक टन आम गूदा निर्यात किया है।

स्रोतः डीजीसीआईएस

प्रमुख निर्यात गंतव्य (2022-23): सउदी अरब, नीदरलैंड, सन्युक्त राज्य अमेरिका, यू.के और संक्युक्त अरब अमीरात।

स्रोतः डीजीसीआईएस