भारत दुनिया में मक्का का 5वां सबसे बड़ा उत्पादक (स्रोतः एफएओ (01-12-2023 तक अद्यतन) और 14वां सबसे बड़ा निर्यातक है (स्रोतः यूएन-कॉमट्रेड डेटा 2022)।
विश्व स्तर पर इसे खाद्य, चारा, पशु चारे और बड़ी संख्या में औद्योगिक उत्पादों के लिए कच्चे माल के रूप में इसके विविध उपयोग के लिए अत्यधिक महत्व दिया जाता है। मक्का अपनी व्यापक अनुकूलन क्षमता के कारण समुद्र तल से लेकर समुद्र तल से 3000 मीटर तक की ऊंचाई पर उगाया जा सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मक्का की आपूर्ति के मामले में भारत को अन्य देशों की तुलना में रणनीतिक और भौगोलिक लाभ प्राप्त है। इसमें हमारे देश में मक्का का साल भर उत्पादन, अच्छी तरह से स्थापित बीज उत्पादन और विपणन नेटवर्क और समुद्री बंदरगाह की उपलब्धता शामिल है। हालाँकि, घरेलू माँग अपने आप में बहुत अधिक है। इसलिए, भारत से मक्का का निर्यात इस समय उतना महत्वपूर्ण नहीं है।
मनुष्यों के लिए मुख्य भोजन और पशुओं के लिए गुणवत्तापूर्ण चारे के अलावा, मक्का हजारों औद्योगिक उत्पादों में एक घटक के रूप में एक बुनियादी कच्चे माल के रूप में कार्य करता है जिसमें स्टार्च, तेल, प्रोटीन शामिल हैं। मादक पेय, खाद्य स्वीटनर, फार्मास्यूटिकल, कॉस्मेटिक, फिल्म, कपड़ा, गोंद, पैकेज और कागज उद्योग, आदि।
खेती के क्षेत्रः
भारत में प्रमुख मक्का उत्पादक राज्य कर्नाटक, मध्य प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु, तेलंगाना, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश हैं।
भारत में उत्पादनः
वर्ष 2023-24 में मक्का का उत्पादन 35.67 मिलियन टन होने का अनुमान है (तीसरा अग्रिम अनुमान)।
भारतीय तथ्य एवंआंकड़े :
भारत से वर्ष 2023-24 के दौरान विश्व भर में 1,442,671.48 मीट्रिक टन मक्के का निर्यात किया गया जिसकी कीमत 3660.10 करोड़ रुपए/ 443.53 अमरीकी मिलियन अमरीकी डॉलर थी।
प्रमुख निर्यात गंतव्य (2022-23) :
वियतनाम, नेपाल, बांग्लादेश, मलेशिया और थाईलैंड।
मक्का श्रेणी के अंतर्गत उत्पाद निम्नानुसार हैंः
एचएस कोड |
उत्पाद विवरण |
10051000 |
मक्का (मकई), बीज |
10059011 |
पीला मक्का (मकई) |
10059019 |
मक्का (मकई), पीला के अतिरिक्त अन्य |
10059020 |
फ्लिंट कॉर्न (ज़ी मेस वार इंदुरता) |
10059030 |
पॉपकॉर्न (ज़ी मेस वार एवर्टा) |
10059090 |
अन्य कॉर्न्स |
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