कोको उत्पाद
कोको एक नगदी फसल है। कोको फल के बीज के किण्वन से स्वादिष्ट कोको पाउडर प्राप्त होता है। कोको को कदाचित ही एकल फसल के रूप में उगाया जाता है। इसकी यह क्षमता है कि इसे नारियल और सुपारी पाम के साथ उगाया जा सकता है और इसके साथ ही इसकी यह भी क्षमता है कि इसे सदा बाहर खेतों में सूक्ष्म जलवायु स्थितियों में उगाया जा सकता है जिससे इसे अपने लिए अलग से जलवायु की आवश्यकता नहीं पड़ती है। किसी भी पाम के ऊंचे झुंड में, जहां 40 से 50 % सूर्य रोशनी पहुंच पाती है, कोको इस सूर्य उर्जा को आसानी से ले लेता है और मुख्य फसल के अनुकूल बना रहता है तथा अतिरिक्त आय बनती है। इसके अलावा भूमि की स्थितियों में सुधार होता है जो कि न केवल इसकी वृद्धि बल्कि इसके साथ उगी हुर्इ मुख्य फसल के लिए भी लाभदायक होती है।

किस्में :  कोको फली, चीनी को अवतरित करने वाला कोको पाउडर, कोको छिलका भूसी त्वचा और कोको क़्रीम चर्बी एवं तेल।


पैदावार के क्षेत्र :  केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु।


भारत तथ्य एवं आंकड़े :
देश ने वर्ष 2022-23 के दौरान 1,242.13 करोड़ रूपए / 154.54 अमरीकी मिलियन अमरीकी डॉलर की कीमत के 34,249.85 मीट्रिक टन कोको उत्पाद विश्व को निर्यात किए है।


प्रमुख निर्यात गंतव्य (2022-23): संयुक्त राज्य अमरीका, इंडोनेशिया, नेपाल , ब्राजील और सन्युक्त अरब अमीरात ।