काजू और इसके उत्पाद
काजू (एनाकार्डियम ऑक्सीडेंटेल) की उत्पत्ति ब्राजील में हुई थी। अब इसकी खेती भारत और पूर्वी अफ्रीका जैसे सभी उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर की जाती है। काजू फल, जिसमें बीज या 'नट' होता है, काजू 'एप्पल' के अंतिम सिरे पर लटका होता है। काजू का सेवन हृदय और रक्त रोगों को रोकने में मदद करता है, आंखों को यूवी किरणों से बचाता है और पाचन में मदद करता है क्योंकि यह एक अच्छा आहार फाइबर स्रोत हैं। काजू नट शैल लिक्विड (सीएनएसएल) काजू उद्योग का एक उप-उत्पाद है, जिसमें एक नरम छत्ते की संरचना और एक गहरे लाल भूरे रंग का चिपचिपा तरल होता है।

कार्डानॉल, एनाकार्डिक एसिड से प्राप्त एक फेनोलिक लिपिड, का उपयोग रासायनिक उद्योग में रेजिन, कोटिंग्स, घर्षण सामग्री और सर्फेक्टेंट के लिए किया जाता है। काजू का नियमित सेवन पाचन में भी मदद कर सकता है।

भारत तथ्य और आकड़ें :

काजू गिरीः देश ने वर्ष 2022-23 के दौरान अखिल विश्व में 2,868.72 करोड़ रुपये/ 356.29 मिलियन अमरीकी डॉलर मूल्य की 59,575.83 मीट्रिक टन काजू गिरी का निर्यात किया है।

प्रमुख निर्यात गंतव्य (2022-23): सन्युक्त अरब अमीरात, नीदरलैंड, जापान, सऊदी अरब और वियतनाम Soc Rep


काजू शेल लिक्विडः देश ने वर्ष 2022-23 के दौरान अखिल विश्व में 56.39 करोड़ रुपये/ 6.90 मिलियन अमरीकी डॉलर मूल्य पर 10641.81 मीट्रिक टन काजू शेल लिक्विड का निर्यात किया है।


प्रमुख निर्यात गंतव्य (2022-23): चीन P Rp, वियतनाम Soc Rep, इटली, कोरिया Rp, बेल्जियम


कार्डानॉलः देश ने वर्ष 2022-23 के दौरान अखिल विश्व में 57.08 करोड़ रुपये/7.12 मिलियन अमरीकी डॉलर मूल्य पर 6607.05 मीट्रिक टन कार्डेनॉल का निर्यात किया है।

प्रमुख निर्यात गंतव्य (2022-23): कोरिया RP, बेल्जियम, रूस, यूके , ताईवान