बासमती चावल

बासमती’ लंबा एवं सुगंधित चावल है जो भारतीय उप महाद्वीप के हिमालय की पहाड़ियों के विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्रों में कई सदियों से उगाया जा रहा है। ये अतिरिक्त लम्बे, पतले होने की विशेषता से पूर्ण है तथा पकाने पर अपने मूल आकार से दोगुना हो जाता है और मुलायम एवं रोयेंदार प्रकृति, स्वादिष्ट, बेहतर सुगंध और विशिष्ट स्वाद वाला हो जाता है। सुगंधित, लम्बे चावल की अन्य किस्मों में बासमती चावल विशिष्ट है।

विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र की कृषि-जलवायु स्थितियों के साथ-साथ कटाई, प्रसंस्करण की पद्धति तथा समय के साथ बासमती चावल में यह विशेषताएं आई हैं। अपनी विशेषताओं के साथ ‘सुगंधित मोती’ एक वर्ग की अनुभूति कराता है जो कि बेहद साधारण भोजन को भी स्वादिष्ट बना सकता है । इसकी प्रतिष्ठित प्रतिष्ठा और अद्वितीय विशेषताओं ने भारतीय बासमती चावल को दुनिया भर के रसोइयों और भोजन प्रेमियों के बीच पसंदीदा विकल्प बना दिया है, जिससे वैश्विक व्यंजनों में गुणवत्ता और विलासिता के प्रतीक के रूप में इसकी स्थिति मजबूत हुई है।

किस्में :
बीज अधिनियम, 1966 के अधीन अब तक बासमती चावल की 45 किस्में अधिसूचित की गई हैं। बासमती चावल की प्रमुख किस्में हैंः बासमती 217, पंजाब बासमती 1 (बौनी बासमती), बासमती 386, पंजाब बासमती 2, पंजाब बासमती 3, बासमती 370, हरियाणा बासमती 1, तरावड़ी बासमती (एचबीसी 19), टाइप 3 (देहरादूनी बासमती), पंत बासमती 1 (आईईटी 21665), पंत बासमती 2 (आईईटी 21953), कस्तूरी, माही सुगंधा, बासमती सीएसआर 30 (संशोधन पश्चात्), मालवीय बासमती धान 10-9 (आईईटी 21669), रणबीर बासमती, बासमती 564, पूसा बासमती 1, पूसा बासमती 1121 (संशोधन पश्चात्), पूसा बासमती 1509 (आईईटी 21960), पूसा बासमती 6 (पूसा 1401), पूसा बासमती 1609, पूसा बासमती 1637, पूसा बासमती 1728, वल्लभ बासमती 22, वल्लभ बासमती 21 (आईईटी 19493), वल्लभ बासमती 23, वल्लभ बासमती 24, पूसा बासमती 1718, पंजाब बासमती 4, पंजाब बासमती 5, हरियाणा बासमती 2, पूसा बासमती 1692, जम्मू बासमती 118, जम्मू बासमती 138, जम्मू बासमती 129, जम्मू बासमती 123, पूसा बासमती 1847, पूसा बासमती 1885, पूसा बासमती 1886, पूसा बासमती 1985, पूसा बासमती 1979, पूसा बासमती 1882, पंजाब बासमती 7 ।

पैदावार के क्षेत्र :
भारत में बासमती चावल जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा , दिल्ली, उत्तराखण्ड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश राज्यों में उगाया जाता है


निर्यात :
भारत बासमती चावल के संबंध में विश्व बाज़ार का अग्रणी निर्यातक है। देश ने वर्ष 2020-21 के दौरान विश्व को 29,849.89 करोड़ रुपए (या 4,018.71 अमरीकी मिलियन डॉलर) मूल्य का 46,30,463.41 मीट्रिक टन बासमती चावल निर्यात किया है।

भारत तथ्य एवं आंकड़े :
भारत बासमती चावल के संबंध में विश्व बाज़ार का अग्रणी निर्यातक है। देश ने वर्ष 2023-24 के दौरान विश्व को 48389.18 करोड़ रुपए / 5837.12 अमरीकी मिलियन डॉलर मूल्य का 5242048.39 मीट्रिक टन बासमती चावल निर्यात किया है।


प्रमुख निर्यात गंतव्य (2023-24) :
सऊदी अरब, ईरान, इराक, संयुक्त अरब अमीरात, संयुक्त राज्य अमेरिका और यमन गणराज्य।