मादक पेय और गैर-मादक पेय
मादक पेय में एथेनॉल होता है जिसे सामान्यतः ऐल्कहॉल कहा जाता है। मादक पेय को तीन सामान्य वर्ग बीयर, वाइन और स्प्रिट में विभाजित किया जाता है। वर्तमान में बीयर को देश में कई स्थानों पर तैयार किया जाता है और इसे मुख्यतः टॉप-फर्मेनटिड किया जाता है। भारतीय रम को सहज और स्वादिष्ट पेय माना जाता है। आय के बढ़ते स्तर के कारण भारत में माल्ट से बनी बीयर जैसे मादक पेय उत्पादों की मांग बढ़ रही है।

वैश्विक बाजार में व्हाइट वाइन और अन्य अंगूर आधारित मादक पेय, ब्रांडी, व्हिस्की, रम, जिन और अन्य जिन आदि सहित वाइन की कीमतें बढ़ गई हैं। भारत में विश्व का तीसरा सबसे बड़ा मादक पेय बाजार है। यहां अनाज से तैयार मादक पेय के उत्पाद के लिए 33,919 किलो लीटर प्रतिवर्ष की लाइसेंस क्षमता वाली 12 ज्वाइंट वेन्चर कम्पनियां हैं। भारत सरकार से प्राप्त लाइसेन्स के अधीन करीब 56 यूनिट बीयर का उत्पादन करती हैं। शराब के वर्ग में दो किस्म देशी शराब और भारत में तैयार विदेशी शराब है जो समाज के विभिन्न वर्गो की मांग पूरी करती है। ग्रामीण क्षेत्रों में कम आय वाले देशी शराब पीते हैं जबकि मध्य और उच्च आय वर्ग वाले भारत में तैयार विदेशी शराब पीते हैं। वाइन के निर्माण के लिए महाराष्ट्र एक महत्वपूर्ण राज्य के रूप में उभरा है। भारत में 46 वाइनरी हैं, जिनमें से 43 महाराष्ट्र में हैं, और राज्य में वाइन उत्पादन के लिए लगभग 1,500 एकड़ में अंगूर की खेती की जाती है। महाराष्ट्र सरकार ने शराब बनाने के व्यवसाय को लघु उद्योग घोषित किया है और उत्पाद शुल्क में छूट की भी पेशकश की है।


इस उप-शीर्ष के तहत व्यक्तिगत उत्पाद इस प्रकार से हैंः

वाइन व्हाइट वाइन
अंगूर सहित अन्य वाइन ब्रांडी
रम पेप्सी
जिन और अन्य जिन व्हिस्की
कोक मिनरल वाटर
शीतल पेय  

भारत तथ्य और आकड़ें :
भारत ने विश्वभर में वर्ष 2023-24 के दौरान 262,778.43 मीट्रिक टन मादक उत्पादों का निर्यात करके 3,107.50 करोड़ रूपए / 375.09 मिलियन अमरीकी डॉलर अर्जित किए।


प्रमुख निर्यात गंतव्य (2023-24): संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, तंज़ानिया, अंगोला और घाना।