भारत चावल, गेहूं और अन्य अनाज के मामले में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। वैश्विक बाजार में अनाज के लिए भारी मांग होने से भारतीय अनाज उत्पादों के निर्यात के लिए एक उत्कृष्ट वातावरण सृजित हो रहा है। वर्ष 2008 में भारत में घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए चावल और गेहूं आदि के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया था। अब वैश्विक बाजार में भारी मांग को देखते हुए और देश में अधिशेष उत्पादन के मद्देनजर प्रतिबंध हटा लिया गया है, लेकिन केवल सीमित मात्रा में अनाज के निर्यात की अनुमति दी जाती है। थोड़ी मात्रा में अनाज के निर्यात की अनुमति घरेलू कीमतों या भंडारण की स्थिति पर कोर्इ महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं डाल सकी।
महत्वपूर्ण अनाज – गेहूं, धान, ज्वार, मिलट (बाजरा), जौ और मक्का आदि है। भारत के कृषि मंत्रालय द्वारा वर्ष 2019-20 के संबंध में जारी अंतिम अनुमान के अनुसार चावल, मक्का और बाजरा जैसे प्रमुख अनाज का उत्पाद क्रमशः 100.35 मिलियन टन, 19.89 मिलियन टन और 8.29 मिलियन टन रहा।
भारत विश्व में न केवल अनाज का सबसे बड़ा उत्पादक है अपितु इसके साथ-साथ अनाज उत्पादों का सबसे बड़ा निर्यातक भी है। वर्ष 2022-23 के दौरान भारत में अनाज का निर्यात 111,062.37 करोड़ रुपए / 13,857.95 अमरीकी मिलियन अमरीकी डॉलर का किया गया। इसी अवधि के दौरान भारत के कुल अनाज निर्यात में चावल (बासमती चावल और गैर-बासमती चावल सहित) की 80% के साथ प्रमुख हिस्सेदारी रही। इस अवधि के दौरान भारत से हुए अनाज के कुल निर्यात में गेहूँ सहित अन्य अनाज की हिस्सेदारी 20% रही।
प्रमुख निर्यात गंतव्य (2022-23) :
बांग्लादेश, सउदी अरब, ईरान, सन्युक्त अरब एमीरात और बेनिन।